मैरी कॉम का जीवन परिचय । Mary Kom Biography In Hindi

मैरी कॉम का जन्म 1 मार्च 1983 ईस्वी को कन्गथेई नामक स्थान , चुराचांदपुर जिला मणिपुर में हुआ । इनका पूरा नाम मांगते चुंगनेजंग मैरी कॉम था तथा मैरी कॉम की माता का नाम मंगते अखम कॉम और उनके पिता का नाम टोनपा कॉम था । Mary Kom Biography In Hindi के इस भाग मे आप मेरी कॉम से जुड़े कुछ पहलू जैसे प्रारम्भिक जीवन, शिक्षा, संघर्ष, प्रतियोगिता, खेल, पारिवारिक जीवन, संघर्ष, उपलब्धि, सम्मान,शादी, बच्चे , पति, इत्यादि जानने को मिलेंगी |

मैरी कॉम के पिता एक गरीब किसान है इनकी माली हालत बहुत अच्छे नहीं थी और मुश्किलों से गुजर बसर हो पाता ।था लेकिन मैरी कॉम बहुत ही समझदार थी इस हालात को मैरी कॉम ने अपनी सफलता के आगे नहीं आने दिया ।

मैरी कॉम ने गरीबी तथा मजबूरी को अपने बचपन से ही देखा है और उसने थोड़ी चीजों पर जीना सीख लिया था।
मैरी कॉम के चार भाई-बहन भी थे मैरी कॉम इन सब भाइयों में सबसे बड़ी थी वह अपने पिता के साथ खेतों में काम करती और घर पर अपने मां का खाना बनाने में और घर के जरूरी कामों में अपनी मां की मदद करती तथा अपने छोटे चार भाई बहनों को भी बहुत प्यार करते हैं और उनका लालन पोषण करते हैं ।

मैरी कॉम ने जीवन भर संघर्ष किया हालांकि उसका फल उसे मिला लेकिन इस संघर्ष को करते वक्त मेरी काम को कई मुश्किलों और परेशानियों का सामना भी करना पड़ा ।शायद इन्हीं मुश्किलो और परेशानियों की वजह से मैरी कॉम खेल प्रतियोगिता में सभी को पीछे छोड़ दिया और अपना नाम भारत के पहले महिला बॉक्सर के रूप में दर्ज करवा दिया ।

मैरी कॉम की प्रारंभिक शिक्षा तथा उसका संघर्ष

मैरी कॉम खेल प्रतियोगिता में बहुत ही रुचि थी तथा उसके साथ वह पढ़ना भी चाहते थी मैरी कॉम के शुरुआती शिक्षा
लोकटक क्रिस्चियन मॉडल हाई स्कूल से हुईं । इन्होंने कक्षा 6 तक पढ़ाई की इसके बाद आगे की पढ़ाई के लिए संत ज़ेवियर कैथोलिक स्कूल में दाखिला लिया और वहां से 8 की पढ़ाई को पूरा किया। फिर इसके बाद मैरी कॉम आदिमजाति हाई स्कूल में प्रवेश लिया और वहां से उन्होंने 9 और 10 की पढ़ाई को करना शुरू कर दिया लेकिन यह कक्षा 10 के परीक्षा में फेल हो गए ।

मैरी कॉम का दोबारा पढ़ने का विचार नहीं बना और वह खेल प्रतियोगिताओं की तरफ आगे बढ़ने लगी । उसी समय उनके राज्य में बॉक्सिंग की बहुत ही प्रशंसा होती थी लोग बॉक्सिंग के लिए बहुत ही उतावले रहते इस खेल में मैरी कॉम को भी बहुत ही जिज्ञासा होने लगी।

mary kom husband and chilld

कुछ समय बीत गया और इसी प्रकार मैरी कॉम अपनी शिक्षा के प्रति आगे बढ़ती रही | इसके बाद वह NIOS पढ़ाई पूरी की मैरी कॉम ने राजधानी इंफाल चुराचांदपुर अपनी ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की

मैरी कॉम का बॉक्सिंग ट्रेनिंग खेल तथा संघर्ष

मैरी कॉम का पढ़ाई में मन नहीं लगता था और वह शुरुआत से ही खेल प्रतियोगिताओं के प्रति बहुत ही उत्साहित रहती थी उसे खेलना बहुत ही पसंद था और वह हमेशा से एक एथलीट बनना चाहती थी वह अपने स्कूल के दिनों में फुटबॉल जैसे खेलों में भी भाग लिया करती थी और सभी खेलों को बड़े उत्साह से खेला करती थी |

उन दिनों बॉक्सिंग का बहुत ही प्रचार प्रसार जोर से चल रहा था और सभी बॉक्सिंग करना सीखना चाहती थी मैरी कॉम ने जब मणिपुर के बॉक्सर डिंग्को सिंह को 1998 ईस्वी में एशियन गेम में गोल्ड मेडल जीता जब मैरीकॉम ने सुना और देखा तो वह भी इस खेल के प्रति अपना दिलचस्प नहीं रोक पाई और इस खेल के प्रति व खींचती से चली गई

मैरी कॉम ने मन ही मन मान लिया था कि अब मैं भी बॉक्सिंग करूंगी और एशिया तथा ओलंपिक खेलों में हिस्सा लूँगी लेकिन मैरी कॉम की माली हालत अच्छी नहीं थी उनके पिता किसान थे परिवार तथा कई लोग यह नहीं चाहते थे कि मैरी कॉम बॉक्सर बने

मैरी कॉम एक महिला थी इस वजह से बॉक्सिंग के फील्ड में सफलता मिलना बहुत ही मुश्किल था और उससे ट्रेनिंग के लिए आर्थिक मदद भी घरवालों से नहीं मिल रही थी | अत: ऐसी बहुत सारी बाधाएं थी जो मैरी कॉम के जीवन में रोड़ा बनी हुई थी लेकिन मैरीकॉम ने हार नहीं माना और अपनी द्रण निश्चिता से सभी परेशानियों को उठाते हुए वाह विश्व के महान बॉक्सर की सूची में अपना नाम दर्ज करवाने के लिए एक कदम बढ़ा दिया |

मोर मैरीकॉम ने अब अपना करियर पूर्ण रूप से निश्चित कर लिया था उन्होंने अपने परिवार को बिना बताए ही ट्रेनिंग लेना शुरू कर दिया |

यहां समय था 1993 का मैरी कॉम ने खुमान लंपक स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स को कुछ लड़कों को लड़कियों के साथ लड़ते हुए देखा |वह सभी बॉक्सिंग कर रहे थे इस द्रस्य ने मेरी कॉम की ज़िंदगी बादल कर रखा दी |

मैरी कौम के पहले कोच एम नरजीत सिंह से मैरीकॉम ने बॉक्सिंग की ट्रेनिंग लेना शुरू कर दिया | अपने सपने को साकार करने के लिए आगे बढ़ चली |

कई सालों की ट्रेनिंग के बाद 2000 में मैरी कॉम ने उसने विमेन बॉक्सिंग चैंपियनशिप मणिपुर में तथा पश्चिम बंगाल में क्षेत्रीय चैंपियनशिप में भाग लिया और दोनों जगह पर अपना जीत का परचम लहराया | इस दौरान उन्हें बॉक्सर पुरस्कार भी दिया गया इसी जगह से उनके परिवार तथा सभी संबंधित सभी को यह पता चल गया कि मेरी कौन एक बॉक्सर है |

mary kom family

अब सबको जानकारी हो चुकी थी कि मैरी कॉम बॉक्सर है अतः अब मैरीकॉम ने खुलकर लड़ना शुरू कर दिया | 2001 में 18 साल की उम्र में उन्होंने इंटरनेशनल करियर बनाने का सोचा और उन्होंने अमेरिका में हो रहे AIBA विमेन बॉक्सिंग चैंपियनशिप में 48 किलो के वर्ग कटेगरी मे भाग लिया और और सिल्वर मेडल जीतकर देश का नाम बढ़ाया |

ठीक अगले ही साल 2002 में मैरी कॉम ने तुर्की में द्धितीय AIBA महिला विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप में 45 किलो भार के वर्ग कटेगरी भाग लिया और वहां से गोल्ड मेडल जीता तथा उसी साल हंगरी में आयोजित विच कप भाग लिया और वहां से भी गोल्ड मेडल जीता |

2003 में भारत में आयोजित एशियन वीमेन बॉक्सिंग चैम्पियनशिप 46 किलो भार वर्ग कटेगरी मे भाग लिया और गोल्ड मेडल को हासिल किया |

सन 2004 में नॉर्वे में आयोजित महिला मुक्केबाजी विश्व कप में गोल्ड मेडल जीता भारत का गौरव बढ़ाया |

साल 2005 में ताइवान में आयोजित एशियन विमेन बॉक्सिंग चैंपियनशिप में मैरी कॉम ने भाग लिया और यहां से भी गोल्ड मेडल जीत कर गई |

मैरी कॉम का ताबड़तोड़ प्रदर्शन जारी रहा साल 2006 में भारत में आयोजित AIBA बॉक्सिंग चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल को जीता तथा डेनमार्क में हुए विनस विभिन्न बॉक्स कप में भी गोल्ड मेडल को जीता |

2007 में मैरी कॉम आपने परिवारिक रिश्तो में उलझी रही और वह प्रेग्नेंट भी हो गई थी इस वजह से वह वैक्सिंग नहीं कर पाई लेकिन 2008 में उन्होंने फिर से वापसी की और एशियन वूमेन बॉक्सिंग चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल को जीता |

2008 में ही चीन में आयोजित AIBA महिला विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप में 46 किलो वर्ग में उन्होंने चैंपियनशिप को लड़ा और गोल्ड मेडल जीता

मैरी कॉम ने अपना परचम भारत में नहीं अपितु पूरे विश्व में फैला दिया वह लगातार जीत पर जीत दर्ज करवाते जा रही थी 2009 में वियतनाम में आयोजित एशियन इंडोर गेम्स” गेम्स में उन्होंने भाग लिया और गोल्ड मेडल को जीता |

mary kom father and mother

2010 में मैरी कॉम कजाकिस्तान में हुए एशियन वूमेन बॉक्सिंग चैंपियनशिप में भाग लिया और गोल्ड मेडल को जीता 2010 में ही वूमेन बॉक्सिंग चैंपियनशिप में 5 बार गोल्ड मेडल को जीता और एशियन गेम्स में 51 किलो की वेट के वर्ग में उन्होंने भाग लिया और ब्राउंस मेडल को अपने नाम करवाया |

2011 में मैरीकॉम ने चीन में आयोजित एशियन विमेन कप में 48 किलो वर्ग ने भाग लिया और वहां से भी गोल्ड मेडल को प्राप्त किया |

2012 में मंगोलिया में हुए एशियन विमेन बॉक्सिंग चैंपियनशिप में मैरी कॉम ने 51 किलो वर्ग में भाग लिया और गोल्ड मेडल को अपने नाम करवाया |

इसी साल मैरीकॉम ने लंदन में आयोजित क्वालिफाइड 51 किलो वर्ग में भाग लिया और वहां से ब्रांच मेडल जीता इसके साथ ही व्यक्तिगत पदक जीतने वाले मैरीकॉम तीसरी भारतीय महिला बनी |

2014 में कोरिया में आयोजित एशियन गेम वूमेन फाइट में मैरी कॉम ने हिस्सा लिया और उन्होंने 52 से 48 किलो वर्ग में भाग लिया वहां से भी उन्होंने गोल्ड मेडल को जीता

2018 में नई दिल्ली में आयोजित दसवीं AIBA महिला विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप में भाग लिया और छवि बार वर्ल्ड चैंपियनशिप किताब अपने नाम करवाया |

नाम (name) मैरी कॉम
पूरा नाम (full name) मांगते चुंगनेजंग मैरी कॉम
जब्म (date of birth) 1 मार्च 1983
जन्म स्थान (birth place ) चुराचांदपुर जिला मणिपुर
माता का नाम (mother) मंगते अखम कॉम
पिता का नाम (father) टोनपा कॉम
स्थिति (marital satatus) विवाहित
पति का नाम (husbnad) ऑनलर कॉम

मैरी कॉम के प्रमुख उपलब्धियां व सम्मान |

  • सन 2003 में मैरी कॉम को अर्जुन पुरस्कार दिया गया है
  • सन 2006 में मैरीकॉम को बॉक्सिंग के क्षेत्र में उनके बेहतरीन प्रदर्शन के लिए पद्म श्री अवॉर्ड से नवाजा गया।
  • सन 2007 में मैरीकॉम को सर्वोच्च सम्मान ”राजीव गांधी खेल रत्न” पुरस्कार के लिए नॉमिनेट किया गया था।
  • सन 2007 में महान मुक्केबाज मैरी कॉम को लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स द्धारा पीपल ऑफ़ द ईयर से नवाजा गया था।
  • सन 2008 में मैरीकॉम को CNN-IBN और रिलायंस इंडस्ट्रीज के द्धारा ”रियल हॉर्स अवॉर्ड” से सम्मानित किया गया।
  • सन 2008 में AIBA द्धारा ”मैग्निफिसेंट मैरी” अवॉर्ड से नवाजा गया।
  • सन 2008 में ही उन्हें मैरीकॉम को पेप्सी MTV यूथ आइकॉन से सम्मानित किया गया था।
  • सन 2009 में महान मुक्केबाज मैरीकॉम को राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
  • सन 2010 में मैरीकॉम को सहारा स्पोर्ट्स अवॉर्ड द्धारा स्पोर्ट्समैन ऑफ द ईयर का अवॉर्ड दिया गया था।
  • सन 2013 में मैरीकॉम को देश के तीसरे सबसे बड़े सम्मान पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था।
  • सन 2018 में मैरी कॉम को मध्यप्रदेश सरकार द्धारा वीरांगना सम्मान से सम्मान दिया गया।

मेरीकॉम के जीवन प्रमुख घटना तथा कुछ सीख

एक इंटरव्यू में मैरीकॉम ने कहा कि आप चाहे जितना प्रैक्टिस और तैयारी ही क्यों ना कर ले यदि आप अनुशासित नहीं है तो आप रिंग में जीत नहीं सकते | आप पूरे दिन में 4 घंटे प्रैक्टिस करते हैं और आप अनुशासित नहीं है तो आप रिंग में लोगों का मुकाबला नहीं कर पाएंगे अनुशासन होना बहुत जरूरी है |

उन्होंने कहा किस रिंग में शुरुआती के बहुत 10 मिनट जब आप लड़ाई करने के लिए अपने विरोधी से पूरी तरीके से तैयार है उस समय आप सब कुछ भूल जाते हैं केवल आपने जो तैयारी कर करके राखी वही आपके कम आएगी |

मैरी कॉम ने कहा कि आप रिंग में होते हैं तो आप अपने द्वारा की गई सभी प्रैक्टिस मूव्स तैयारी को भूल जाते हैं हां लेकिन आप उसको नहीं भूल सकते हैं जिस की प्रैक्टिस आपने लाखों बार किया है वह सही समय आने पर आपको जरूर जरूर काम आएगा और वही दाव आपके विरोधी के लिए मुंह तोड़ जवाब होगा |

mary kom wedding photo

मैरी कॉम की एक बात बहुत ही खास है उन्हे आधे से अधिक सफलता मां बनने के बाद प्राप्त हुई | एक मां बहुत ही खूंखार होती है |जिस प्रकार एक शेरनी से मुकाबला करना मुश्किल हो जाता है ठीक उसी प्रकार से माँ से जीतना बहुत ही मुश्किल हो जाता है |

मैरी कॉम की सबसे बड़ी उपलब्धि तो यह थी की लोग तथा जन उनसे इतने प्रभावित हुए कि उनके नाम पर एक फिल्म बनाई गई |जिसमें मुख्य किरदार निभाने वाली प्रियंका चोपड़ा जिन्होंने खुद भी इतना संघर्ष करके मुकाम को हासिल किया |

मैरी कॉम फिल्म प्रियंका चोपड़ा की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक है फिल्म में मैरी कॉम के संघर्ष को पूर्ण रूप से दर्शाया गया है मैरी कॉम ने अपनी सफलता किस प्रकार प्रपट की यभी भी दरसाया गया है |

जब 2014 में जो फिल्म बन के तैयार हुई तब इसने बॉक्स ऑफिस के सभी रिकॉर्ड को तोड़ डाला | प्रियंका चोपड़ा को उन्नति की राह पर आगे बढ़ने एक नया अवसर प्रदान किया |

मैरी कॉम का पारिवारिक जीवन शादी और बच्चे

मैरी कॉम 2005 में शादी कर ली थी और उनके पति का नाम ऑनलर कॉम था 2 साल बाद मैरी कॉम के दो जुड़वा बेटे पैदा हुए और मैरी कॉम 1 साल तक उन्हीं के देखभाल में लगे रही और 2008 में फिर से वापसी की और ताबड़तोड़ बॉक्सिंग किया | रिंग में विरोधियों को धूल चटा दिया |

मैरी कॉम के पति ऑनलर कॉम एक बहुत ही जिम्मेदार होशियार समझदार किस्म के शख्स हैं उन्होंने अपने जुड़वा बच्चों को बहुत ही लाड़ प्यार से पाला |

मैरी कॉम अपनी ट्रेनिंग पर फोकस कर रही थी और इधर उनका घर ऑनलर कॉम संभाल रहे थे इस प्रकार मैरी कॉम का पारिवारिक जीवन भी उद्धरण था और अच्छी तरह से चल रहा था |

Mary Kom Biography In Hindi के इस भाग मे मैरी कॉम से जुड़े सभी पहलुओ को उजागर करने का सम्पूर्ण प्रयास किया गया है | यदि इस लेख से संबन्धित कोई सवाल है तो उसे कमेंट बॉक्स मे पूछ सकते है । 

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FAQ………… 

मैरी कॉम कौन है किस लिए प्रसिद्ध है ?

मैरी कॉम एक भारतीय महिला बॉक्सर है और यह पूरे विश्व में बॉक्सिंग के लिए मशहूर है। 

मैरी कॉम का जन्म कब हुआ ?

मैरी कॉम का जन्म 1 मार्च 1983 को हुआ

मैरी कॉम के पति का क्या नाम है ?

मैरी कॉम के पति का ऑनलर कॉम नाम है

मैरी कॉम के माता पिता का क्या नाम है ?

मैरी कॉम की माता का नाम मंगते अखम कॉम तथा पिता का नाम टोनपा कॉम है

मैरी कॉम का पूरा नाम क्या है ?

उनका पूरा नाम मांगते चुंगनेजंग मैरी कॉम है ।
 

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