नेल्सन मंडेला का जीवन परिचय | Nelson Mandela biography in Hindi

नेल्सन मंडेला का जन्म 18 जुलाई 1918 में म्वेजो ईस्टर्न दक्षिण अफ्रीका संघ में हुआ था | नेल्सन मंडेला की माता का नाम नोसकेनी था तथा पिता का नाम म्वेजो कस्बे था नेल्सन मंडेला का प्रारंभिक जीवन बहुत ही खुशहाली में गुजरा क्योंकि इनके पिता अपने कबीले के सरदार थे और उस समय सरदार सम्मान करना तथा उनके परिवार को सम्मान देना यह उस जनजाति में प्रमुख कार्य था | Nelson Mandela Biography In Hindi के इस भाग मे आप उनसे जुड़े महत्वपूर्ण बिन्दु जैसे प्रारंभिक जीवन, शिक्षा, जेल जाना, संघर्ष, समाज सेवा, पारिवारिक जीवन,पत्नी, बच्चे, सम्मान, इत्यादि को जन पाएंगे |

नेलसन के पिता “म्वेजो कस्बे” ने तीन शादियां की और नेलसन मंडेला के 13 भाई थे | उन 13 भाई में से यह तीसरे नंबर के थे | नेल्सन मंडेला की मां “नोसकेनी” एक मेथाडिस्ट ( मेथाडिस्ट यह 1721 में पादरी जॉन वेली द्वारा एक संगठन या ग्रुप था जो ईश्वर के कार्यों को प्रचार व प्रसार करने के काम को आगे बढ़ाया करता था मेथाडिस्ट इसी संस्था का नाम था यह संस्था इस समय अमेरिका में बहुत ही प्रचलित थी और ईश्वर के कार्यों को आगे बढ़ा रही है) थी |

नेल्सन मंडेला का बचपन का नाम रोहिहाला (ऐसा कहां गया कि नेल्सन मंडेला बचपन में बहुत ही उपद्रवी  थे इसीलिए उनका नाम रोहीहाला रखा गया जिसका अर्थ होता है उपद्रवी होना) था इनके पिता द्वारा दिया गया यह प्रथम नाम था क्योंकि इनके पिता सरदार थे तथा उस समय सरदार के बेटे को मंडेला कहा जाता था वहीं से नेल्सन को उनका सरनेम प्राप्त हुआ |

उस समय पर जगह-जगह काले और गोरे {रंगभेद } का प्रतिरोध हो रहा था उन्हीं प्रतिरोधों के दौरान नेल्सन मंडेला के परिवार वालों ने उनको कहानियों के रूप में अपने पूर्वजों की वीरता की कहानी सुनाया करते थे | जिससे नेलसन मंडेला को भी अपने देश और अपने लोगों के लिए कुछ बड़ा करने की सद्भावना बचपन से ही उत्पन्न होने लगी थी |

नेल्सन मंडेला बचपन से ही बहुत ही होशियार और समझदार थे उन्होंने शुरुआती दिनों से काले और गोरे का मतभेद सुना और सुनते चले आए यह मतभेद उस जनजाति से लेकर पूरे दक्षिण अफ्रीका में आग की तरह फैलता चला जा रहा था तब नेल्सन मंडेला अपने बचपन के दिनों में थे |

नाम नेल्सन मंडेला
बचपन का नाम रोहिहाला
जन्म 18 जुलाई 1918
जन्म का स्थान ईस्टर्न दक्षिण अफ्रीका संघ
माता का नाम नोसकेनी
पिता का नाम म्वेजो कस्बे”
व्यवसाय राजनेता ,समाज सेवक ,

नेल्सन मंडेला की शिक्षा तथा शुरुआती दिनों के संघर्ष

नेल्सन मंडेला की प्रारंभिक शिक्षा क्वार्क बेरी मिशन स्कूल में हुई तथा जहां की मिस Mdingane, ने उनका नाम नेल्सन रख दिया क्योंकि उस समय स्कूल में सभी बच्चों का नाम ईसाई होना अनिवार्य था अतः वहां से नेल्सन ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा की शुरुआत की और कुछ समय तक वहीं से शिक्षा प्राप्त की | फिर वह एक प्रसिद्ध स्कूल वेस्लेयन सेकेंडरी मैं चले गए यह स्कूल हिलटाउन में था अब नेल्सन यहीं पर रहकर अपनी प्रारंभिक मैट्रिक की शिक्षा को पूरा करने लगे और इस जगह से मैट्रिक की शिक्षा लेकर वह बाहर निकले |

मंडेला ने आगे की पढ़ाई करने के लिए यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ फोर्ट हरे में अपना दाखिला ले लिया और वहां से कला में स्नातक की डिग्री लेने के लिए पढ़ाई शुरू कर दी | लेकिन किस्मत को कुछ और मजूर था नेल्सन मंडेला इस डिग्री को पूरा ना कर सके |क्योंकि उन्हें एक छात्र विरोध प्रदर्शन में शामिल होने की वजह से यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ फोर्ट हरे से निकाल दिया गया ।

नेल्सन मंडेला , कुछ समय विचार करने और कई जगह काम करने के बाद उन्होंने दक्षिण अफ्रीका विश्वविद्यालय में दाखिला लिया और वहां से उन्होंने 1943 ईस्वी में BA की डिग्री को पास किया और वहां से एक डिग्री होल्डर बन गए |

Nelson Mandela childhood

नेल्सन मंडेला इसके आगे की भी पढ़ाई करना चाहते थे अतः उन्होंने BA के बाद वकील बनने के लिए वकालत करने को सोचा और उन्होंने वकालत की डिग्री लेने के लिए LLB की पढ़ाई शुरू कर दी नेल्सन मंडेला की आर्थिक स्थिति बहुत मजबूत नहीं थी और वह इस डिग्री को पूरा न कर पाए |

1952 ईस्वी में इन्होंने इस डिग्री को बिना पूरा किए बगैर छोड़ दिया और 10 साल बाद 1962 ईस्वी में उनके कुछ कार्यों की वजह से इनको कुछ समय के लिए जेल जाना पड़ा | अतः इन्होंने यूनिवर्सिटी ऑफ लंदन से अपनी शिक्षा को आगे बढ़ाया और वहां पर डिग्री लेने का प्रयास किया | लेकिन 1962 ईस्वी में उन्होंने इस डिग्री को भी पूरा नहीं किया और छोड़ दिया  | 1981 ईस्वी में जब इनको जेल हो चुकी थी तब इन्होंने जेल के आखिरी समय पर अपनी डिग्री को पूरा किया और यह एक LLB डिग्री होल्डर  बन गए

नेल्सन मंडेला के जीवन में विवाद , राजनैतिक प्रवेश तथा जेल का संघर्ष

नेल्सन मंडेला का जीवन विवादों से घिरा रहा यह काले और गोरे का भेद खत्म करना चाहते थे अतः इस कारण इन्होंने कई आंदोलन किए कई पार्टियों मे भी शामिल हुय और अपनी बात को रखने के लिए संघर्ष शुरू किया | इन सभी कार्यों की वजह से नेलसन मंडेला देश दुनिया भर में बहुत ही प्रसिद्ध होने लगे अतः इन्हें कई पार्टियां शामिल करने के लिए निमंत्रण आ लगे | लेकिन नेलसन मंडेला ने केवल अफ्रीकी राष्ट्रीय कांग्रेस में 1944 ईस्वी में शामिल हुए तथा इन्होंने ANC यूथ लीग (ANCYL) बनाने में मदद करें |

ANCYL इसी यूथ लीग के सहारे नेल्सन मंडेला ने प्रचार और प्रसार करना शुरू किया और वह देश समाज से काले गोरे का भेद खत्म करना के प्रचार प्रसार में लग गए | नेल्सन मंडेला ने बहुत ही शक्ति से इस कार्य को बढ़ाने का प्रयास किया | 1949 में इन्होंने कट्टरपंथी राजनीति अपनाई जिसके कारण यह अपने क्षेत्र में बहुत ही प्रसिद्ध हो गए हैं प्रसिद्धि के कारण नेल्सन मंडेला को 1952 ईस्वी में मौलवी कचलिया के डिप्टी के रूप में चुन लिय गया |

Nelson Mandela mother and father

मंडेला ने दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रीय कांग्रेस के साथ मिलकर ऐसे कानून के खिलाफ कई लोगों को इकट्ठा किया और एक जगह पर इकट्ठे होकर विरोध प्रदर्शन किया इस विरोध प्रदर्शन को देखकर सरकार पूरी तरह बौखला गयी और मंडेला और उनके 19 कर्मचारियों को जो उनके सहयोगी भी थे सभी को जेल में डाल दिया गया हालांकि कुछ समय बाद सभी को छोड़ दिया गया |

1952 ईस्वी के अंत तक नेल्सन मंडेला को प्रतिबंधित कर दिया गया उन्हें केवल सिर्फ चुप कर देखने की आजादी थी | नेल्सन ने LLB की पढ़ाई की थी अत: उन्हें कानून का ज्ञान था इस कारण उन्होंने कानूनी दांवपेच को यूज करते हुए अगस्त 1952 में ओलिवर टेंपो दक्षिण अफ्रीका एक संस्था की स्थापना की

नेल्सन मंडेला पर देशद्रोह का मुकदमा लगाया गया 5 दिसंबर 1956 में पुलिस द्वारा पकड़े जाने पर नेल्सन मंडेला तथा उनके कुछ कर्मचारियों पर देशद्रोह का मुकदमा चलाया गया और 29 मार्च 1961 में मुकदमा चलने के पश्चात नेल्सन मंडेला तथा उनके 28 कर्मचारियों को बरी कर दिया गया |

मंडेला तथा उसके कामों से देश के पुलिस तथा देश के राजनेता बहुत ही दुखी थे क्योंकि मंडेला बार-बार विरोध प्रदर्शन कर रहे थे |अतः 21 मार्च 1960 को सरकार के कानूनों के विरुद्ध प्रदर्शन कर रहे 69 प्रदर्शनकारियों को सरकार ने गोलियों से मार डाला |सभी प्रदर्शनकारी निहत्थे थे अतः सरकार के इस कार्य को देखकर देश तथा विदेश में खलबली सी मच गई और उस समय आपातकालीन की स्थिति लागू कर दी गई थी | सरकार ने छोटे-मोटे सभी संगठनो ग्रुपो और अफ्रीकन कांग्रेस पार्टी पर प्रतिबंध लगा दिया |

देशद्रोह के मुकदमे से बरी होने के पश्चात नेल्सन मंडेला ने मार्च 29 , 30 और 31 को एक बड़े राष्ट्रीय हड़ताल की तैयारी कर दी | राष्ट्र की सुरक्षा देख देखते हुए इस हड़ताल को जल्दी ही बंद कर दिया गया और उन्होंने 1961 ईस्वी में सशक्त होकर राष्ट्र के भले के लिए , बड़े पैमाने पर कार्य करने के लिए कहा मंडेला अपना संगठन और भी विस्तार करना चाहते थे इसलिए उन्होंने दक्षिण अफ्रीका को छोड़ दिया और देश विदेश की यात्रा करने लगे उन्होंने  11 जनवरी 1962 इंग्लैंड का वहां का दौरा किया तथा मोरक्को और इथोपिया से सैन्य प्रशिक्षण लिया |

नेल्सन मंडेला जब लौट कर वापस आ रहे थे तब उन्हें एक रोडब्लॉक पर गिरफ्तार किया गया और उन पर श्रमिकों को उकसाने और आंदोलन करने का आरोप लगाया इस कारण उन्हें 5 साल की जेल हो गयी | इन 5 सालों में उन्होंने हार नहीं मानी और और वह जेल के अंदर भी प्रचार प्रसार करने लगे | नेल्सन मंडेला ने अपना संगठन मजबूत करना बंद नहीं किया |

मंडेला तथा उनके कर्मचारियों से राजनेता तथा पुलिस बहुत ही परेशान हो चुकी थी अतः उन्होंने मंडेला के सभी दफ्तरों और ठिकानों पर छापेमारी करके मंडेला के कई साथियों को भी जेल में भेज दिया |

9 अक्टूबर 1963 को मंडेला तथा उनके 10 साथियों को तोड़फोड़ के मुकदमे के लिए गिरफ्तार किया गया | मंडेला का यह मुकदमा इतना प्रासिद्ध की हुआ कि इसे रिवोनिया ट्रायल के नाम से जाने जाने लगा | 11 जून 1964 को नेल्सन मंडेला तथा सात अन्य आरोपियों, वाल्टर सिसुलु, अहमद कथराडा, गोवन मबेकी, रेमंड म्हलाबा, डेनिस गोल्डबर्ग, इलियास मोत्सोलेदी और एंड्रयू म्लांगेनी को दोषी  माना गया और अगले दिन उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुना दी  गई। गोल्डबर्ग को गोरे होने के कारण प्रिटोरिया जेल भेजा गया था, जबकि और सभी को रोबेन द्वीप गए थे।

Nelson Mandela wife

नेल्सन मंडेला की प्रमुख उपलब्धियां तथा सम्मान

अपने जीवन के दौरान नेल्सन मंडेला को  राजनीतिक उपलब्धियों के सम्मान में 250 से अधिक पुरस्कार, प्रशंसा, पुरस्कार, मानडिग्री और नागरिकता दीए

1993 ईस्वी में राष्ट्रपति FW de Klerk क्लॉक ने संयुक्त रूप से नोबेल शांति पुरस्कार जीता और 27 अप्रैल 1994 को उन्होंने अपने जीवन में पहली बार मतदान दिया+

10 मई 1994 को उनका दक्षिण अफ्रीका के सबसे पहले निर्वाचित राष्ट्रपति के रूप में चुनाव हुआ नेल्सन मंडेला दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति बने तथा उन्होंने 1999 में राष्ट्रपति पद का त्याग कर दिया और अपने द्वारा बनाए गए मंडेला चिल्ड्रन फाउंडेशन ने स्वत: रूप से कार्य करने लगे: |

2007 में मंडेला के पोते ने मवेज़ो ग्रेट समारोह में नेल्सन मंडेला को मुख्य मवेज़ो ट्रेडिशनल काउंसिल के रूप में चुना गया |

1-अमेरिकी राष्ट्रपति का स्वतंत्रता पदक  2- सोवियत संघ का लेनिन शांति पुरस्कार 3- मानव अधिकारों के लिए लीबिया अल-गद्दाफी अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार  4- 1990 में भारत ने उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया 5 –  912 में पाकिस्तान ने उन्हें अपना निशान-ए-पाकिस्तान दिया 6 -उसी वर्ष, उन्हें तुर्की द्वारा अतातुर्क शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया

उन्होंने उस समय तुर्की द्वारा किए गए मानवाधिकारों के उल्लंघन का हवाला देते हुए पहले पुरस्कार से इनकार कर दिया लेकिन बाद में 1999 में पुरस्कार स्वीकार कर लिया।  उन्हें इसाबेला कैथोलिक  और कनाडा के आदेश के लिए नियुक्त किया गया था।  कनाडा के मानद नागरिक बनने वाले पहले जीवित व्यक्ति थे महारानी एलिजाबेथ द्वितीय ने उन्हें ऑर्डर ऑफ सेंट जॉन के बेलीफ ग्रैंड क्रॉस के रूप में नियुक्त किया और उन्हें ऑर्डर ऑफ मेरिट में सदस्यता प्रदान की |

2004 में जोहान्सबर्ग ने मंडेला को शहर की स्वतंत्रता प्रदान की और 2008 में मंडेला की प्रतिमा का अनावरण उस स्थान पर किया गया जहां मंडेला को जेल से रिहा किया गया था। सुलह के दिन 2013 में प्रिटोरिया की यूनियन बिल्डिंग में मंडेला की एक कांस्य प्रतिमा का निर्माण किया गया था। नवंबर 2001 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने रंगभेद विरोधी संघर्ष में उनके योगदान को चिह्नित करते हुए मंडेला के जन्मदिन 18 जुलाई को  मंडेला दिवस  के रूप में घोषित किया । इसने व्यक्तियों से दूसरों के लिए कुछ करने के लिए 67 मिनट दान करने का आह्वान किया 2015 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने कैदियों के उपचार के लिए संशोधित मानक न्यूनतम नियमों को उनकी विरासत का सम्मान करने के लिए “मंडेला नियम” के रूप में नामित किया।

Nelson Mandela family

नेल्सन मंडेला के जीवन की प्रमुख घटनाएं

20 अप्रैल 1964 को अपने प्रसिद्ध “स्पीच फ्रॉम द डॉक” के अंत में अदालत में उनके शब्द अमर हो गए वह शब्द ये थे |

मैंने गोरे वर्चस्व के खिलाफ लड़ाई लड़ी है, और मैंने काले वर्चस्व के खिलाफ लड़ाई लड़ी है। मैंने एक ऐसे लोकतांत्रिक और स्वतंत्र समाज के आदर्श को संजोया है जिसमें सभी व्यक्ति एक साथ सद्भाव और समान अवसरों के साथ रहते हैं। यह एक आदर्श है जिसके लिए मैं जीने और हासिल करने की आशा करता हूं। लेकिन अगर जरूरत पड़ी तो यह एक आदर्श है जिसके लिए मैं मरने को तैयार हूं।

  • नेल्सन मंडेला ट्रेन की यात्रा कर रहे थे तभी उन्हें काले होने की वजह से बहुत ही प्रताड़ित किया गया और उस दिन से बाहर भी फेंक दिया गया
  • नेल्सन मंडेला काले होने की वजह से मैच को देख ना पाए और उस मैच को देखने के लिए उन्हें कटीले तारों के पास खड़े होकर मैच को देखना पड़ा
  • मंडेला अपनी जीवनी में बताते हैं कि वह एक बार हवाई जहाज का सफर कर रहे थे तभी अकस्मात हवाई जहाज को इमरजेंसी लैंडिंग करने के लिए तैयार होना पड़ा उस समय मंडेला बहुत इंटेल गए थे परंतु इस डर को उन्होंने अपने मुख पर आने नहीं दिया

नेल्सन मंडेला का पारिवारिक जीवन

वह अपनी सभी पत्नियों को बहुत चाहते हैं ऐसा उन्होने ऐक इंटरव्यू दौरान बताया मंडेला ने तीन शादियां की थी

नेल्सन मंडेला की पहली पत्नी एवलिन मेस

नेल्सन मंडेला की पहली शादी उनके राजनीतिक संरक्षक वाल्टर सिसुलु की भतीजी के साथ हुई. इस समय तक उन्हें जोहानेसबर्ग आए हुए तीन साल बीत चुके थे और इस शादी के लिए तैयार होने की सबसे ख़ास वजह ये थी कि वो परिवार के जरिए खोजी गई देहाती लड़की से शादी को टालना चाहते थे |

शादी के समय मंडेला 26 साल के थे, जबकि एवलिन मेस 22 की थी उनका वैवाहिक जीवन 13 साल तक चला. एवलिन नर्स थीं और इस दौरान ज्यादातर समय परिवार का खर्च उनके वेतन से ही चला करता था जबकि मंडेला ने अपनी वकालत की पढ़ाई पूरी की थी मंडेला के चार बच्चे हुए. दूसरे बच्चे की नौ महीने की उम्र में  मौत हो गई और उनके जीवन का दु:खद पल था. इसके बाद एवलिन अधिक धार्मिक होती गईं |

नेल्सन मंडेला की दूसरी शादी

विनी माडिकिज़ेला के साथ नेल्सन मंडेला का प्यार उस समय बढ़ा जब उनके ऊपर देशद्रोह का मुकदमा चल रहा था  विनी उस वक्त एक 22 वर्षीय सामाजिक कार्यकर्ता थीं और उम्र में मंडेला से 22 साल छोटी थीं | विनी माडिकिज़ेला का राजनीति मे काफी दबदबा था उनकी बात लोग सुनना व समछना चाहते थे विनयी ऐक लोग प्रसिद्ध महिला थी और उनके राजनीतिक तेवर काफ़ी लोकप्रिय थे उनकी दो बेटियां हुईं| लेकिन उनके साथ मंडेला थोड़ा सा समय ही बिता सके |

nelson mandela

नेल्सन मंडेला की तीसरी शादी ग्रासा माशेल

राष्ट्रपति का कार्यभार संभालते वक्त नेल्सन मंडेला ने ग्रासा माशेल से शादी की | ग्रासा माशेल मोज़ाम्बिक के पूर्व राष्ट्रपति समोरा माशेल की विधवा थीं. समोरा माशेल की मौत साल 1986 में एक विमान दुर्घटना में हो गई थी ग्रासा माशेल के पहले ही छह सौतेले बच्चे थे और दो उनके अपने बच्चे हुए थे. बावजूद इसके वो अपने बड़े परिवार में मिल-जुल कर रह रहे थे|

नेल्सन मंडेला की मृत्यु तथा मृत्यु का स्थान

5 दिसंबर 2013 को जोहान्सबर्ग में उनके घर पर उनका निधन हो गया

ये भी पढे ……..

  1. Mother Teresa Biography In Hindi | मदर टेरेसा की जीवनी
  2. Dr Vikas Divyakirti Biography In Hindi | डॉ विकास दिव्यकीर्ति का जीवन परिचय
  3. वारेन बुफेट का जीवन परिचय | warren buffett biography in hindi

FAQ ……….

नेल्सन मंडेला के जीवन से हमें क्या संदेश मिलता है ?

नेल्सन मंडेला ऐक महान व्यक्ति थे तथा नेल्सन मंडेला के जीवन से हमे निरंतर ना हार मानने का संदेश मिलता है जिसे हमे अपने जीवन मे भी उतारना चाहिए | ऐक निरंतर प्रयास ही सफलता दिलाता है नेल्सन मंडेला ऐक न्यायाइक युद्ध ल’द रहे रहे थे इसी लिए वह सफल हुये |

नेल्सन मंडेला किस कार्य के लिए जेल गए थे ?

नेल्सन मंडेला को 27 वर्ष की जेल मे बिताना पड़ा उन्होने कई पीड़ा को स्वीकार क्या लेकिन कभी भी हर नहीं मानी उन्हे तथा उनके कुछ साथियो को तोडफोड के मामले मे पुलिश द्यारा गिरफ्तार क्या गया नेल्सन के ऊपर और कई मुकदमे चल रहे उनही सब मुकदमो को देखते हुई नेल्सन मंडेला तथा उनके कुश साथी को उम्र कैद की सजा सुनाई गनाई गयी |

नेल्सन मंडेला कोन थे ?

नेल्सन मंडेला ऐक समाज सेवक थे और वह चाहते की दाखिण अफ्रीका मे तथा पूरे विश्व मे काले व गोरे का मत भेद खतम हो जाय | इसके लिए मंडेला ने कई आंदोलन किए और कई बार जेल भी गए |

नेल्सन मंडेला का जन्म कब हुआ

नेल्सन मंडेला का जन्म 18 जुलाई 1918 को हुआ था
 

नेल्सन मंडेला की पत्नियों का क्या नाम है ?

नेल्सन मंडेला की तीन पत्निया थी जिंका नाम एवलिन मेस , विनी माडिकिज़ेला , ग्रासा माशेल था |

Leave a Comment